प्रधानमंत्री मोदी हो सकते हैं राम मंदिर ट्रस्ट प्रमुख

 मंदिर ट्रस्ट में प्रधानमंत्री एक सदस्य है और चेयरमैन गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल है इसी प्रकार राम मंदिर ट्रस्ट में प्रधानमंत्री प्रमुख हो सकते है अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सरकार ने कानून मंत्रालय को ट्रस्ट संबंधी कानून बनाने या कानून में संशोधन करने का काम सौंपा है। यह कानून सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत बनाया जाएगा। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद सभी पक्षों से बातचीत कर जल्द ही कैबिनेट के समक्ष एक प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगे। कोर्ट ने 3 माह में ट्रस्ट का गठन करने को कहा था। इसलिए संभावना है कि सरकार ट्रस्ट गठन और संबंधित विषयों के लिए कानून में संशोधन करें या नया कानून बनाए।
 वहीं विवादित जमीन सरकारी रिकॉर्ड में होना भी ट्रस्ट गठन में अहम भूमिका निभा सकता है।


केंद्र सरकार राम मंदिर ट्रस्ट के लिए सोमनाथ मंदिर की तरह केंद्र व राज्य सरकार द्वारा 4-4 आजीवन ट्रस्टी बना सकती है। उत्तर प्रदेश सरकार की विशेष भूमिका होगी। सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट में प्रधानमंत्री एक सदस्य है और चेयरमैन गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल है। इसी प्रकार राम मंदिर ट्रस्ट में प्रधानमंत्री प्रमुख हो सकते हैं और अन्य ट्रस्टी होंगे। इस पर कानून मंत्रालय देश भर के मंदिरों के ट्रस्ट बारे अध्ययन कर रहा है। ताकि उन्हें शामिल किया जा सके। संघ प्रमुख मोहन भागवत सबके सामने कह रहे हैं कि राम मंदिर निर्माण में उनकी कोई भूमिका 7हीं होगी किंतु वह सरकार को अंदर ही अंदर ट्रस्ट बनाने संबंधी सलाह दे रहे हैं। वह प्रधानमंत्री को प्रमुख राम मंदिर मुहिम से जुड़े रहे लालकृष्ण आडवाणी, राम जन्मभूमि न्यास, विश्व हिंदू परिषद, संघ प्रतिनिधि, कुछ मंत्री और अन्य संगठनों के सदस्यों को ट्रस्ट में शामिल करने पर जोर दे रहे हैं।