योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश और 2022 के चुनाव

योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बने ढाई वर्ष हो गए, लेकिन ऐसा लग नहीं रहा कि वहां सरकार कोई काम कर रही है, 2022 यूपी विधानसभा चुनाव में योगी की राह इतनी आसान नहीं.2017 के विधानसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में भाजपा भारी बहुमत से विजय हुई और काफी जद्दोजहद के बाद योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने। सरकार गठन के ढाई वर्ष बाद भी लोगों को ऐसा लग ही नहीं रहा है कि प्रदेश में कोई सरकार काम कर रही है। बजाय इसके कि कुछ मंत्रियो द्वारा कुछ बयान जारी कर दिए जाते हैं। प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति लगातार बिगड़ रही है और उन्नाव में रेप की घटना के बाद प्रदेश में माहौल और भी खराब हो गया है। इस घटना के बाद योगी के कैबिनेट मंत्री राघवेंद्र प्रताप सिंह ने यह बयान देकर मामले को और तूल दे दिया कि इतनी बड़ी जनसंख्या वाले राज्य में 100% अपराध मुक्त समाज की गारंटी तो भगवान भी नहीं दे सकते।
दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों को मिलो की ओर से भुगतान नहीं किया जा रहा है। प्रदेश में पिछले 3 महीने से कोई मुख्य सचिव नहीं है कार्यवाहक मुख्य सचिव बनाये गए है। बहुत से वरिष्ठ पद खाली पड़े हैं और दुर्भाग्य से मुख्यमंत्री के पास इन कार्यों के लिए कोई समय नहीं है वे राजनीति में व्यस्त हैं।
 कुछ महीनों पहले सोनभद्र में हुए विभत्स नरसंहार में 10 लोगों की मृत्यु हो गई थी और कई लोग घायल भी हो गए थे। योगी सरकार कानून व्यवस्था को लेकर बैकफुट पर आ गई थी। गौरतलब है कि योगी उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बने थे तो मीडिया में उनका जैसा महिमामंडन हुआ था वैसा काम अभी तक दिखाई नहीं दिया है। उत्तर प्रदेश की सरकार पर आरोप लगाया जा रहा है कि अधिकारी योजनाओं को सिर्फ कागजों में रखे हैं जमीन पर अभी भी कुछ पहुंचा नहीं है अभी हाल ही में अक्टूबर में 11 विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने भले ही 7 सीटें जीती हो लेकिन उसे विपक्ष से लगभग हर सीट पर शिकस्त मिली। भाजपा के लगभग 10% वोट घंटे और 11 सीटों पर समाजवादी पार्टी दूसरे स्थान पर रही यह भाजपा के लिए अच्छा संकेत नहीं है। विपक्ष के बिखराव और सर्जिकल स्ट्राइक-3  के बावजूद भी भाजपा को पूरी 11 सीटों पर सफलता नहीं मिली, जैसा प्रदर्शन उसने 2017 के विधानसभा चुनाव में किया था। यह उत्तर प्रदेश में भाजपा के लिए आत्म चिंतन का विषय है। संगठन और सरकार की पूरी फौज उतारने के बावजूद भी भाजपा के वोट प्रतिशत में कमी हुई और 1 सीटों उसे गवानी भी पड़ी। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भले ही भाजपा ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन वह मोदी के नाम पर केंद्रित था। लेकिन विधानसभा चुनावों में मामला बिल्कुल अलग है। महाराष्ट्र- हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे देखने के बाद तो यही संदेश मिल रहा है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ की राह इतनी आसान नहीं रहने वाली।